कल व्रत रख रही मैं
कुछ गिफ्ट तो दिलायो
तुम्हारी लम्बी उम्र के लिए
मैं भूखी रहूँ
तुम भी कुछ फ़र्ज़ तो निभायो
कहो तो जावेरीदास पर मिलूं
पर गर बजट हो कम
तो नल्ली पर ही रुकूं
वैसे वो ठीक तो नहीं
पर क्या करूँ
कुछ उपाय भी तो नहीं
कुछ तो कहो,
राज़ दूर करो,
आखिर दोस्तों को बताना है
जिस सोसाइटी में रहते हैं
इज्जत भी तो बचाना है
पति बेचारा सोचा
सौ तक गिना
फिर नाप तोल कर बोला
इस बार करवा चौथ रहने दो
मैं कौन सा दूर हूँ
अगले साल रख लेना
थोडा हिसाब कर लेने दो
गिफ्ट का जुगाड़ कर लेने दो
तुम चाँद मांगती
लाना आसान था
सोना तो सातवें आसमान
पर कबसे है विराजमान
वैसे भी व्रत का कोई
प्रभाव नहीं होने वाला
महंगाई के अनल में
ऑफिस की राजनीती प्रबल में
शारीर रोज घिसता है
जो बचता है मधुमेह
और असंतुष्ट बॉस के भेंट चढ़ता है
अगले साल व्रत कर लेना
इस साल मिल कर जश्न मानते हैं
तुम मुझे खाना खिलाओ
हम तुम्हे खिलाते हैं
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